(विनायक सेन के प्रति) भगवान स्वरूप कटियार
हम फौलाद के गीत गायेंगे
दुनियां फौलाद की बनी है
और हम फौलाद की संताने हैं.
जैसे लोग निहाई पर
पत्तर ढालते हैं
वैसे ही हम
हम नये दिन ढालेंगे
उनमें उल्लास हीरे की तरह जडा होगा.
पसीने से नहाये
हम पाताल में उतरेंगे
और धरती के गर्भ से
हम नया वैभव जीत लायेंगे.
हम पर्वत के शिखर पर चढ कर
सूरज के टुकडे बन जायेंगे
ऊशा की लाली से अपनी मांशपेशियों में
लाल रंग भरेंगे.
इंसानियत से सराबोर
हम शानदार जिन्दगी ढालेंगे
जहां भेदभाव के लिए नहीं होगी
कोई जगह.
हम अनेक हैं पर एक में
संगळित होंगे
फौलाद के उस गीत में
हम सब की आवाज होगी
हम फौलाद के बने हैं
इसिलए फौलाद के गीत गायेंगे.
इंसानियत से सराबोर
हम शानदार जिन्दगी ढालेंगे
जहां भेदभाव के लिए नहीं होगी
कोई जगह.
हम अनेक हैं पर एक में
संगळित होंगे
फौलाद के उस गीत में
हम सब की आवाज होगी
हम फौलाद के बने हैं
इसिलए फौलाद के गीत गायेंगे.
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