samvedana
Saturday 3 April, 2010
सोचने की बात
किसी अच्छी किताब को पढना
किसी अच्छे शख्श से मिलने जैसा लगता है
और किसी अच्छे शख्श से मिलना
किसी अच्छी किताब को पढने जैसा लगता है
दुनिया में अच्छे लोग भी हैं
और अच्छी किताबें भी
फिर ये दुनिया इतनी ख़राब क्यों है...
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