अधिग्रहण
भगवान स्वरूप कटियार
हम अधिग्रहित करना चाह्ते हैं
तुम्हारे घर- द्वार और खेत- खलिहान
ताकि भेज सकें तुम्हें
शहरों में
सस्ते मजदूरों के रूप में |
हमने सस्ते मजदूर और सस्ती जमीन
देने का वादा जो किया है
देश- दुनिया के कारोबारियों से|
तुम्हारे खेतों में
लहलहायें गे अब औद्योगिक गलियारे
दौड़ेगीं बुलट रेलगाड़ियाँ
और गूंजेगे मुनाफा कमाते
अडानी-अम्बानी के
हंसी के ठहाके
जो देश की ख़ुशहाली
और तरक्की के सूचकांक हैं|
हाँ कुछ किसान उखड़ेंगे
अपनी जमीन से
पर वे बचेंगे दैवी आपदाओं की मार से
और रुकेंगी आत्महत्याएँ भी
जो हमारी सरकार के लिए
बदनामी और परेशानी का सबब हैं|
हम देश की नदियाँ और जंगल भी
अधिग्रहित करना चाहते हैं
ताकि देश की प्यास बुझाने में
कमा सके मुनाफ़ा
देशी-विदेशी कम्पनियाँ
और लूट सकें
धरती की गर्भ में दबे
अनमोल रत्न |
हम ब्रांडिंग और मारकेटिंग के
अनुभवी सौदागर हैं
देश का चुनाव ही
हमने जीता है
अपनी इसी हुनर के बूते |
सबका साथ सबका विकास
की सीडी से
हम छू रहे हैं
कमयाबी की ऊचईयां|
हमनें विचारों और महपुरुषों का भी
अधिग्रहण शुरू कर दिया है
हमने गाँधी को स्वच्छ्ता के
प्रतीक के रुप में अधिग्रहित किया
कहते रहो हमें गाँधी का हत्यारा
कौन सुनेगा तुम्हारी?
हमने लौह पुरुष को
अधिग्रहित किया
एक भव्य लौह प्रतिमा बनवा कर
नेताजी के परिजन भी हमारे करीब हैं
अम्बेडकर कों भी हम अधिग्रहित कर रहे हैं
उनके कई बड़े चेले हमारी झोली में हैं |
भगत सिंह पर भी
हमने फेंक दिया है वैचारिक जाल |
अब तो प्रेमचन्द और मुक्तबोध भी
हमारे ही होंगे
सांस्क्रतिक राष्ट्रवाद के प्रतीक के रूप में|
हमारे पास दिखाने को
५६ इन्च
का सीना है
और जनता से झूठ बोल कर
ठगने
की कला भी
दुनिया भर में फेरी लगा कर
देश को सस्ते से सस्ता
बेचने
का जादुई हुनर भी
है हमारे पास |
देश को
विकास की ऊंचाईयों पर
ले जाने का एक ही उपाय है
जल,जंगल जमीन का अधिग्रहण
बिना किसी रोक-टोक के|